2025 Economics Nobel: जब टेक्नोलॉजी बनी Growth की नई चाबी!

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

2025 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार इस साल तीन दिग्गज अर्थशास्त्रियों—जोएल मोकिर, फिलिप अघियन, और पीटर हॉविट को दिया गया है। इन तीनों को यह सम्मान आर्थिक विकास की नई व्याख्या (New Interpretation of Economic Growth) के लिए मिला है।

टेक्नोलॉजी + Growth = Future Ready Economy

अमेरिका की Northwestern University के प्रोफेसर जोएल मोकिर को इस बात के लिए सम्मानित किया गया है कि उन्होंने ये गहराई से बताया कि कैसे टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस और सांस्कृतिक बदलाव मिलकर सतत आर्थिक विकास (Sustainable Economic Growth) की ज़रूरी शर्तें बनाते हैं।

उन्होंने यह दर्शाया कि टेक्नोलॉजी सिर्फ मशीन नहीं, माइंडसेट भी बदलती है।

‘रचनात्मक विनाश’ से क्रांति

Philippe Aghion (LSE) और Peter Howitt (Brown University) को सम्मानित किया गया उनके सिद्धांत के लिए जो “Creative Destruction” यानी रचनात्मक विनाश पर आधारित है।

इस थ्योरी के अनुसार पुरानी टेक्नोलॉजी या कंपनियों को हटाकर नई टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप से एक तेज़ और अधिक स्थायी विकास संभव होता है।

“जैसे-जैसे नए विचार आते हैं, पुराने सिस्टम टूटते हैं और एक मजबूत, आधुनिक अर्थव्यवस्था खड़ी होती है।”

क्यों है ये अवॉर्ड इतना खास?

यह अवॉर्ड सिर्फ तीन व्यक्तियों को नहीं, बल्कि उस सोच को मिला है जो मानती है कि आर्थिक विकास अब सिर्फ आंकड़े नहीं, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से संचालित होता है।

भारत जैसे विकासशील देशों के लिए भी यह शोध एक दिशा दिखाता है कि कैसे शिक्षा, रिसर्च और टेक्नोलॉजी में निवेश करके लॉन्ग टर्म विकास को पाया जा सकता है।

क्या सीख सकते हैं भारत जैसे देश?

  • Startup Culture को प्रोत्साहन देना
  • Innovation Ecosystem तैयार करना
  • Research & Development को सपोर्ट करना
  • पुरानी नीतियों की जगह नई सोच अपनाना

Nobel Prize 2025 in Economics एक बड़ी याद दिलाता है कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सिर्फ उपकरण नहीं, वो विकास के असली इंजन हैं।

“Creative destruction” और “technological evolution” अब सिर्फ थ्योरी नहीं, ग्लोबल रियलिटी है।

“डील हुई डन! हमास ने छोड़े बंधक, इसराइल देगा आज़ादी के बदले आज़ादी!”

Related posts

Leave a Comment